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दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में डुबकी लगाने के लिए मिलेगा भरपूर जल 

टीएचडीसी ने शुरु किया अतिरिक्त पानी छोड़ना 

देवप्रयाग से लेकर प्रयागराज तक सभी गंगा घाटों को लबालब भरने के लिए पर्याप्त पानी

नई दिल्ली। 2025 का महाकुंभ मेला प्रयागराज में आध्यात्मिकता, संस्कृति और इतिहास का एक अनूठा मिश्रण होगा। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक, तीर्थयात्री न केवल आध्यात्मिक अनुष्ठानों की एक श्रृंखला में शामिल होंगे, बल्कि एक ऐसे सफ़र पर भी निकलेंगे जो भौतिक, सांस्कृतिक और यहाँ तक कि आध्यात्मिक सीमाओं से परे है। इस बार दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में डुबकी लगाने के लिए भरपूर जल मिलेगा। कुंभ मेले में गंगा घाटों पर पानी की कमी न हो, इसके लिए यूपी सिंचाई विभाग ने टीएचडीसी को कुंभ मेले के दौरान अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की है, वहीं टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने भी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की मांग के अनुसार कुंभ मेले के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ना शुरू कर दिया है।

टीएचडीसी का दावा है कि टिहरी झील में महाकुंभ मेले के दौरान देवप्रयाग से लेकर प्रयागराज तक सभी गंगा घाटों को लबालब भरने के लिए पर्याप्त पानी है। दरअसल, सर्दी में कम बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण नदियों का जलस्तर कम हो जाता है।

रविवार को भागीरथी नदी में 34.01 क्यूसेक और भिलंगना नदी में 22.28 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। टीएचडीसी प्रशासन ने भी कुंभ के लिए मांग के अनुसार गंगा में अतिरिक्त पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। वर्तमान में टिहरी झील का जलस्तर 811.04 आरएल मीटर है और झील से 220 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। टीएचडीसी के अधिकारियों के मुताबिक झील में कुंभ मेले के लिए भरपूर पानी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कुंभ पर्व पर संगम तट पर स्नान के लिए पर्याप्त जल रहेगा।

प्रदेश की मांग के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है। इन दिनों 220 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। टिहरी झील में जलापूर्ति के लिए भरपूर पानी उपलब्ध है। पानी निकासी के लिए बांध प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। – एसएस पंवार, सीजीएम, टीएचडीसी

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