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यूपीसीबी ने बिना अनुमति के चल रहे 49 होटलों को किए नोटिस जारी

पर्यावरण उल्लंघन के लिए लगाया 50 लाख रुपये तक का जुर्माना

मसूरी। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) ने बिना अनुमति के चल रहे मसूरी के 49 होटलों को नए नोटिस जारी किए हैं। और पर्यावरण उल्लंघन के लिए उन पर कुछ लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया है। यह कदम राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस निर्देश के बाद उठाया गया है जिसमें पूर्व में लगाए गए जुर्माने का पुनर्मूल्यांकन करने तथा उल्लंघन की तिथि से जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया था।

49 होटलों में से 34 होटल यूपीसीबी की अनुमति के बिना चल रहे थे। जिन्होंने दिसंबर 2019 से पहले या उसके बाद परिचालन शुरू किया था, लेकिन यूपीसीबी की अनुमति नहीं ली गई थी व अन्य 15 होटलों, जिन्होंने पहले संचालन के लिए सहमति प्राप्त की थी, पर अपनी अनुमति का नवीनीकरण न कराने के लिए जुर्माना लगाया गया। यूपीसीबी के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि 49 होटलों पर लगाया गया कुल जुर्माना 8 करोड़ रुपये से अधिक है।

इन होटलों को इस साल की शुरुआत में इसी तरह के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया था। हालांकि, यूपीसीबी ने पुष्टि की है कि पहले चुकाए गए जुर्मान को संशोधित जुर्माने से काट लिया जाएगा। धकाते ने कहा, एनजीटी ने हमें इन होटलों के लिए जुर्माने का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इस सम्बन्ध में बोर्ड के सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है की उपरोक्त निर्णय के अनुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

होटल व्यवसायियों ने नए नोटिस पर आपत्ति जताई है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मसूरी में 49 होटलों को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस निर्देश के बाद उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) ने होटल संचलान को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति न लिये जाने वाले 34 होटल और 15 होटल संचालको के द्वारा अनुमति का नवीनीकरण न कराने पर जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ होटल संचालकों द्वारा इस साल की शुरुआत में लगाए गए जुर्माने का भुगतान कर दिया है। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अतिरिक्त जुर्माना क्यों लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जारी नोटिस को लेकर विधिक राय ली जा रही है। और वह जल्द संबंधित न्यायालय में सभी नोटिस प्राप्त होटल संचालकों की ओर से पक्ष रखा जायेगा।

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