uttarakhand

पैथोलॉजी लैब संचालिका के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया संज्ञान 

हल्द्वानी। प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉक्टर द्वारा पैथोलॉजी लैब संचालिका के साथ दुष्कर्म के प्रयास व धमकी के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने संज्ञान लिया है। आयोग अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें खबरों के माध्यम से जानकारी मिली थी पीड़िता द्वारा कहा गया है कि डाक्टर महेश ने उसे खुद को पिथौरागढ़ का बताया और लैब के संचालन में उसकी मदद करने का आश्वासन दिया। डॉ शर्मा अक्सर अपनी पत्नी से न बनने, घरेलू कलह का हवाला देने व साथ ही पत्नी से अनबन होने और जल्द उससे तलाक लेने की बात कहते थे तथा अपने गृह जनपद की होने का हवाला देकर बहलाने की कोशिश करते थे।

वही पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि इसी साल 6 जून की रात डॉक्टर करीब 10 बजे पीड़िता के घर में घुस गए। उस समय वे शराब के नशे में धुत्त थे। पीड़िता किराए के मकान में रहा करती है तो उन्होंने बिना कलह किए शर्मा को वापस जाने को कहा तो डॉक्टर महेश का विरोध करने लगे। जब उसने रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की तो डाक्टर ने उसका मोबाइल तोड़ दिया। बाद में डाक्टर उस रात पीड़िता के घर से लड़खड़ाते हुए वापस चले गए।

22 जून को जब वह सैंपल जांच का बकाया भुगतान लेने के लिए वह शाम 3:15 बजे डॉ के पास उनके अस्पताल पहुँची तो डॉ महेश ने उन्हें अपने चैंबर में इंतजार करने को कहा, कुछ समय बाद डॉक्टर शर्मा अपने चैंबर में आए और पीड़िता का हाथ पकड़ कर चैंबर में उससे अश्लील हरकतें की और जबरदस्ती करने का प्रयास किया। जब पीड़िता ने विरोध किया तो डाक्टर ने बकाया भुगतान न देने, सामाजिक छवि खराब करने और लैब बंद कराने के साथ जान से मारने की धमकी दे डाली।

मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी नैनीताल पी.एन.मीणा से फोन पर वार्ता करते हुए घटना में शीघ्र अति शीघ्र उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिन डॉक्टरों को हम भगवान स्वरुप मानते है यदि उनके द्वारा इस प्रकार की गलत घटनाओं को अंजाम दिया जाएगा तो यह अत्यंत निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ यदि कही भी किसी भी प्रकार से गलत किया गया है तो गलत करने वाले आरोपी के विरुद्ध जांच व कड़ी कार्रवाई करते हुए पीड़िता को न्याय दिलाया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि यदि कार्य क्षेत्र में महिला सुरक्षित नही होगी तो परिवार में व समाज में महिलाओं के कार्य करने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने प्रकरण में स्पष्ट जांच करते हुए पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के निर्देश दिये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *