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श्री झण्डे जी मेले की भव्यता बढ़ाने पंजाब से पहुंची पैदल संगत

पुष्प वर्षा व गुरु राम राय  महाराज के जयकारों के साथ हुआ श्री दरबार साहिब में पैदल संगत का भव्य स्वागत

देहरादून। पंजाब के विभिन्न हिस्सों से 150 सदस्यीय पैदल संगत का जत्था श्री दरबार साहिब पहुंचा। शाम 5ः00 बजे श्री दरबार साहिब देहरादून के दर्शनी गेट पहुंचते ही पैदल संगत का पुष्प वर्षा व ढोल नगाड़ों की थाप के साथ दूनवासियों व श्री दरबार साहिब श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति ने जोरदार स्वागत किया। दर्शनी गेट व श्री दरबार साहिब परिसर में श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास  महाराज की अगुवाई में पुष्प वर्षा के बीच संगत का जोरदार स्वागत हुआ।  महाराज  ने संगत को दर्शन दिए व आशीर्वाद दिया। श्री दरबार साहिब परिसर व निकटवर्ती समूचा क्षेत्र  गुरु राम राय  महाराज के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा।

श्री दरबार साहिब के व्यवस्थापक विजय प्रसाद डिमरी ने जानकारी दी कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री झण्डे जी आरोहण व मेले का साक्षी बनने के लिए पंजाब की पैदल संगत श्री दरबार साहिब पहुंची है। श्री दरबार साहिब में पैदल संगत के पहुंचते ही श्री झण्डे जी मेले की दिव्यता और भव्यता में चार चांद लग गए हैं। श्री दरबार साहिब में संगतों ने  ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया व  गुरु राम राय महाराज की महिमा का गुणगान किया।

श्री दरबार साहिब प्रबन्धन की ओर से  संगत का स्वागत प्राइमरी स्कूल कांवली में किया गया। शाम 5ः00 बजे श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास  महाराज की अगुआई में दर्शनी गेट पर व श्री दरबार साहिब परिसर में संगत का भव्य स्वागत किया गया। श्री गुरु राम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंत्रोचारण के साथ पैदल संगत का स्वागत किया। पैदल संगत के श्री दरबार साहिब में पहुंचते ही रौनक में चार चांद लग गए हैं। इस प्रकार शुक्रवार से श्री दरबार साहिब में देश-विदेश से आने वाली संगत के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। संगतों एवम् श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। 29 मार्च को परंपरा के अनुसार पूरब की संगत की विदाई होगी। 30 मार्च को श्री झण्डे जी आरोहण के साथ ही इस साल के लिए श्री झण्डे जी मेले का शुभारंभ हो जाएगा।

श्री दरबार साहिब- कार्यकाल महंत साहिबान
महंत औद दास  महाराज सन् 1687 से 1741 तक
महंत हर प्रसाद  महाराज सन् 1741 से 1766 तक
महंत हर सेवक महाराज सन 1766 से 1818 तक
महंत स्वरूप दास  महाराज सन् 1818 से 1842 तक
महंत प्रीतम दास  महाराज सन् 1842 से 1854 तक
महंत नारायण दास  महाराज सन् 1854 से 1885 तक
महंत प्रयाग दास  महाराज सन् 1885 से 1896 तक
महंत लक्ष्मण दास महाराज सन् 1896 से 1945 तक
महंत इन्दिरेश चरण दास महाराज सन् 1945 से 2000 तक
महंत देवेन्द्र दास  महाराज सन् 2000 से वर्तमान तक

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