कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पकड़ा गया दहशत का पर्याय बना बाघ
बाघ को ट्रेंक्यूलाइज कर ढेला रेस्क्यू सेंटर में पहुंचाया
रामनगर। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला जोन में तीन महिलाओं को शिकार बनाने वाले बाघ को आखिरकार वनकर्मियों ने कई दिनों के मेहनत के बाद पकड़ने में सफलता प्राप्त कर ली। बाघ को देर रात ट्रेंक्यूलाईज कर पकड़कर उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर में पहुंचा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले पंजाबपुर क्षेत्र में दो दिन पहले एक ग्रामीण महिला अन्य साथियों के साथ लकड़ी लेने जंगल गई थी। इसी बीच बाघ ने कला देवी ( 50 वर्ष) पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद महिलाएं दौड़ती हुई सीधे गांव पहुंची और ग्रामीणों के साथ कला देवी के परिजनों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पार्क प्रशासन के कर्मचारी और ग्रामीण कला देवी की खोज में जंगल की तरफ गए। जहां करीब 2 किलोमीटर अंदर जंगल में कला देवी का शव क्षत विक्षत अवस्था में बरामद हुआ था। जबकि इससे पूर्व की घटनाओं में बाघ ने सांवल्दे, ढेला और पटरानी क्षेत्र में बाघ ने दुर्गा देवी, पूजा देवी, अनिता देवी को निवाला बना लिया था।
इस बाघ को पकड़ने के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की दो टीम संयुक्त रूप से लगी थी। टीमें बाघ की लोकेशन को ड्रोन के माध्यम से लगातार ट्रेस कर रही थी। लेकिन बाघ इनके हत्थे नहीं चढ़ रहा था। मंगलवार रात बाघ ने जंगल में एक भैंसे का शिकार किया था। मारे गए भैंसे के आसपास वनकर्मियों की टीम ने उसके वापस लौटने की उम्मीद में निगरानी बढ़ा दी थी। देर रात करीब 12 बजे के आसपास जब बाघ अपने किए गए शिकार पर पहुंचा। तभी कॉर्बेट पार्क के वरिष्ठ डॉ. दुष्यन्त शर्मा एवं उनकी टीम ने बाघ को ट्रेंक्यूलाईज करने के लिए गन से डॉट मारी। डॉट पड़ते ही बाघ मौके पर ही बेहोश हो गया।
इसके बाद वन कर्मियों व रेस्क्यू टीम ने बाघ को पकड़कर पिंजरे में डालकर उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया। बाघ को पकड़ने के बाद भी वन विभाग ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा गश्त को बढ़ा दिया गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने बताया वन कर्मियों व रेस्क्यू टीम की मेहनत से बाघ को पकड़ लिया गया है। अब बाघ के सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद भेजे जा रहे है,जिसके बाद ही इस बात की पुष्टि होगी कि इसी बाघ द्वारा कला देवी या अन्य महिलाओं को निवाला बनाया था या नही।